________________ ( 66 ) संस्कृतना प्रभ्यासी माटे प्रा ग्रंथ उत्तम छ / संपादन शैलिपण श्रेष्ठ छ / पर्यायवाची शब्दोनो संग्रह सुंदर छ / - ग्रंथना अवलोकनथी ग्रन्थकर्तानी विशिष्ट विद्वत्ता प्रने सांस्कृत भाषा उपरनो सुंदर काबु जणाया विना रहेतो नथी। प्रा ग्रन्थ निर्माण द्वारा तेमणे अभ्यासको उपरना महान् उपकार साथे सूरिसनाट्ना शिष्य-प्रशिष्योनी विशिष्ट विद्वत्ताना दर्शन साथे जैन शासननी अने विशेषे करीने साधु संस्थानी प्रतिभाने वधारी छ। . हुँ इच्छुछु के प्रावा उत्तम ग्रन्थो, निर्माण करी जैन शासननी विशिष्ट कोटिनी विद्वत्ता द्वारा प्रभावना करे / प्रमदाबाद-७ दिनाङ्कः मफतलाल झवेरचन्द गांधी [ जैन पंडित ] 4 सिद्धार्थ सोसायटी, पालडी. 1-11-76