________________ ( 62 ) विद्वान् लेखक श्रीए स्वनामधन्य ग्रंथ-'सुशीलनाम। माला' रची प्रकाशित करो जिज्ञासु साहित्यकारों ने 12 विद्वानों ने ऋणी बनाव्या छे. भावा अपूर्व ने अमूल्य ग्रंथना सर्जन-प्रकाशन माटे पूज्य आचार्यदेव ने शतशः धन्यवाद साथे, वंदना करी, भविष्यमा पण नवनवं सर्जन श्रीचतुर्विध संघने चरणे धरता पालीताणा (सौराष्ट्र) गुजरात रहे एवी नम्र विनंति सह विर# छु / श्री वीर सं० 2403 / विक्रम सं० 2033 पोश सुद 15 / बुधवार दिनाङ्क 4-6-77 संघ-सेवकडॉ० भाइलाल एम० बावीशी. एम. बी. ब्री. एस. (बोम्बे) एफ. सी. जी. पी. (इण्डिया) प्रेसीडेन्ट-इन्डियन मेडीकल एसोसिएशन, पालिताणा.