________________ { 37 } STIANISMENT GURAVAYC 'अभिधान कोश' थी अज्ञात लोकोना हाथमां श्रा ग्रन्थ प्रावशे त्यारे तेमना हृदयमां पण आदर्श-प्राधारभूत "अभियान कोश" अने तेना रचयिता श्रीहेमचन्द्राचार्य तरफ पादर-बहुमान भाव जाग्या बिना नहीं रहे ! 2448 श्लोकोनी संख्यामां अनुष्टुप पद्य - बद्ध प्रा शब्द कोशमां " अभिधान कोश" अने तदुपरान्त " शेषनाममाला" अन्तर्गत घणा खरा शब्दोंने संग्रही लेवामां प्राव्यां छे. अने ते सिवाय या ग्रन्थनी एक विशेषता ए छे के अर्थना विभागी करण अने अवतरणिकाना उल्लेख पूर्वक श्लोकनी रचना अने गोठवणी संदर रीते थयेली होवाथी विद्यार्थीसोने, वांचकोने अने लेखकों ने संस्कृत शब्दों अने तेना अर्थनो बोध थवामां घणो ज सरलता थशे // [ कच्छ-वागडवाला स्व० 50 पू० आ० श्रीमद्विजयकनकसूरीश्वरजी म. सा० ना समुदायना ए प्राचाय म० नो पा अभिप्राय छे. ] लुणावा ( राज.) / विजयकलापूर्णसूरि दिनांक जैन उपाश्रय सायाशासाशनासायासाRARIAAAAAA