________________ द्वितीयो देवविभागः ___ 31 महापद्म स्तथा कालोः: महाकाल श्च मारणवः / शङ्खक स्चेति नामानि, निधयो नव संख्यया // 22 // जैनमतानुसारेण, कथ्यते ज्ञानिभिः किल / * यक्षनामानि * राजा' पुण्यजनो यक्षः, वटवासी च गुह्यकः // 226 // * किन्नरनामानि * किन्नर' स्तु किम्पुरुषः, तुरङ्गबदनो' मयुः / * शिवनामानि * शिवः शम्भुः वृषाङ्क श्च, रुद्रः शर्व श्च शङ्करः / / 230 // श्रीकण्ठो नीलकण्ठ श्च, गिरीशो गिरिशो हरः१० / ईश११ ईश्वर१२ ईशान:१३, भीमो१४ भर्ग१५ श्च धूर्जटि:१६ // 23 // अस्थिधन्वा 7 जगत्स्रष्टा'८, वह्निरेता:१६ महाव्रती / दिग्वासा:२१ कृत्तिवासा 2 श्च,कपर्दो 3 पांशुचन्दनः२४॥२३२॥ उड्डीश:२५ ऊर्ध्वलिङ्ग२६ श्च, विरूपाक्षो२७ विषान्तक:२८ / महाकान्तो महानाद:3°,सिताङ्ग 1 त्रिपुरान्तक:३२ // 233 // लिधन्वा विशालाक्षो७४, महादेवो 35 महेश्वर:३६ / शूल-खट्वाङ्ग ८-गङ्गाऽही 0. न्दु १-कपाल४२-पिनाक उभृत् // 234 //