________________ [ 31 ] रिपू० प्रा० श्रीविजयभद्रंकरसूरीश्वरजी महाराज नो पत्र ) स शमदमादिगुणभूषित प्रवचन प्रभावक चरणकरणगुण गणाकर प्राचार्य महाराज श्रीसुशीलसूरिजी महाराज र आदि जोग भद्रं करनी वन्दना पूज्योनी कृपाए सुख शाता छे. आपनो पत्र अने 'सुशीलनाममाला' ना छापेलाथोडा फरमा मल्या. 'प्रथम दृष्टिये जोतां ज ग्रन्थ गत विषयोना विभाग वगेरे करवामां एक सुंदर स्वाध्यायरूप प्रयत्न थयो छे. भादवा शु० 12 शनिवार | दिनाङ्क 24-6-77 . भद्रकरविजय पंकज सोसायटी जैन उपाश्रय अमदावाद-७ [ जे ओ श्री-स्वर्गीय संघ स्थविर प०. पू० प्रा० श्रीमविजय- सिद्धिसूरीश्वरजी महाराज साहेबना समुदायना प० पू० प्रा० श्रीमद्विजयभद्रंकरसूरीश्वरजी म. सा. छे. ] + + +