________________ ISADSHADANm SASAKSTARSne AVRATRNAKAKKHAIRSTARUNSLASSURSUISIUS R271322222222222222 "प्राचार्य श्रोविजयसुशीलसूरीश्वरजी ए रचेली स सुशीलनाममाला' ना प्रारंभना बे फारम जोया। तेमनो आ प्रयत्न प्रशंसनीय छ। तेमां ज प्राजे ज्यारे साधुग्रोमां ग्रन्थ कर्तृत्व घटी राम होवान कहेवामां आवे छे, तेवे अवसरे aa नाममाला एक इल जरुरियात पुरी पाडवा साथे पोतानुं प्रागवं गौरव स्थापित करे छ। आ नाममालामां अनुष्टुप्छन्दमां बने तेटलां वधु शब्दोनो र संग्रह करायो छे, ए स्तुत्य छे. अने ते कारणे प्रा नाममाला अभ्यासीवर्गने खूब उपयोगी बनशे।" प्रमदावाद / विजयनन्दनसूरि पांजरापोळ ता० 6-2-75 ज्ञानशाला RRRRR RRRRRRRRRNEN