SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 780
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 7. केकड़ी ने पैदल संघ श्रीचंबलेश्वरजीतीर्थ का निकला है। 8. उदयपुर से पैदल संघ श्री केशरियाजीतीर्थ का निकला है। 6. सादड़ी से पैदल संघ श्रीकेशरियाजीतीर्थ का निकला है। 10. जोधपुर से पैदल संघ श्रीगांगाणीजीतीर्थ का निकला है। 11. उदयपुर से पैदल संघ श्रीराणकपुरजीतीर्थ का निकला है। प्रापपी को 1. श्रीजैसलमेर तीर्थ में प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ ने समारोह पूर्वक 'जैनधर्मदिवाकर' पद से विभूषित किया है। (वि० सं० 2027) 2. रानी स्टेशन में प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ ने समारोह पूर्वक ... 'मरुधर देशोद्धारक' पद से समलंकृत किया है। (वि सं० 2028) 3. श्रीचंवलेश्वरतीर्थ में संघमाला प्रसङ्ग पर श्रीकेकड़ी संघ ने समारोहपूर्वक 'तीर्थप्रभावक' पद से विभूषित किया। (वि० सं० 2026) 4. पाली शहर में प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ ने समारोहपूर्वक . 'राजस्थान दीपक' पद से समलंकृत किया है (वि.सं. 2031) 5. जोधपुर नगर में प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ ने समारोह पूर्वक - शासनरत्न' पद से विभूषित किया है (वि० सं० 2031) / मापश्री के सदुपदेश से (1) श्रीकापरड़ाजी तीर्थ में 'समवसरण मन्दिर' का निर्माण (2) खीमेल में 'श्रीपावापुरी मन्दिर' का निर्माण हुआ। (3) जोधपुर में 'शाश्वतजिन समवसरणमन्दिर' का निर्माण हुआ।
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy