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________________ 432 सुशीलनाममालायां अजसा' 3 झटिति' 4 स्राक" च, सपदि द्राग: 218 पुनः / अष्टादशव नामानि, शोधार्थे सभवन्ति वै // 2673 // * झम्पानामानि 8 झम्मा' झम्प श्च सम्पातपाटवं कूर्दने भवेत् // ॐ नित्यनामानि # असक्त'-मनिशं नित्यं , संसक्त सततं पुनः / / 2674 / / अनवरत'-माधान्त :मऽविरत मऽनारतम् / अजस्र सन्ततं' चेति, नित्यनामानि सन्ति वै // 2675 / / * सामान्यनाम * साधारण' प्रसिद्ध वै, सामान्य-मपि मन्यते / * संहतनाम * नाम द्वयं बुध यं, संहतं' दृढसन्धि' च / / 2676 // * गहननाम है कलिलं' गहनं नाम, दुःखैः प्रवेष्टुमर्हति / * सङ्कीर्णनामानि ॐ सङ्कीर्ण' सकुलं२ कीर्ण-माकीर्ण माकुल पुनः // 2677 //
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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