________________ 412 सुशीलनाममालाया निवारणो' निक्करणः१५ करणः१६ क्वण' श्च क्वणनं१८ पुनः / ध्वानो घोष२० श्च निर्घोष२', पारावर 2 पारयो रव:२४ // 2541 // विराव२५ श्चापि संरावो२६, ह्रादो२७ राव२१ स्तथा स्वनिः२८ / निदि० श्चेति त्रिशन नामानि शब्द बोधने // 2542 // .. * सप्तस्वरनामानि * षड्ज'- ऋषभरे- गान्धारा 3, मध्यमः पञ्चम स्तथा। धैवता निषधः सप्त, तन्त्रीकण्ठोद्भवाः स्वराः // 2543 // * स्पष्टीकरणम् है षड्ज रौति मयूरस्तु, गावो नर्दन्ति चर्षभम् / प्रजाविको तु गान्धारं, क्रौञ्चो नर्दति मध्यमम् // 2544 // पुष्पसाधारणे काले, कोकिलो रौति पञ्चमम् / अश्वस्तु धैवतं रौति, निषादं रौति कुञ्जरम् // 2545 // उरो जातः स्वरो मन्द्रो, मध्यः कण्ठज उच्यते। तारो मस्तकजः प्रोक्तः, स्बरज्ञ : पण्डित जनैः // 2546 // ॐ शब्दभेदाः ॐ ऋन्दितं' रुदितं चैव, ऋष्ट त्रिविधमुच्यते। .. तदपुष्टन्तु विद्धि गह्वरं' मन्यते सदा // 2547 // .