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________________ 410 सुशीलनाममालायो * सुगन्धनामानि 8 सुरभि' श्च समाकर्षी', गन्ध' च घ्राणतर्पणः / तथा जनमनोहारी', निर्हारी' नाम विद्यते // 2526 / / विदूरग' स्तथाऽऽमोदः स्याद्रगतगन्धवान् / परिमलो' विमर्दोत्थः, कथ्यतेऽत्र सुगन्धवान् // 2527 // सुगन्धि' रिष्टगन्धर श्चैवाऽऽमोदी मुखवासनः / ॐ दुर्गन्धनामानि * . दुर्गन्धः' पूतिगन्धि' श्च, पूतिगन्धिक मुच्यते // 2528 // प्रामगन्धि' स्तथा विस्र 2, कथ्यते कोविदः पुनः / / * श्वेतवर्णनामानि ॐ ख्याता: श्वेतादिकाः वर्णा, स्तेषां वर्णनमस्त्यधः // 2526 // शुक्ल:' श्वेत:२ सित:3 स्येतः, शुभ्र श्च विशदः शुचिः / अवलक्षो वलक्ष श्चा,ऽवदातो' धवल'' स्तथा // 2530 // पाण्डरः पाण्डुरः पाण्डु'४, गौर'५श्च हरिणो१६ऽर्जुनः१७ / सप्तदशैव नामानि, ईषत्पाण्डु' स्तु धूसरः२ // 2531 // . के विभिन्नवर्णनामानि ॐ कापोत' श्च कपोताभः२, कपोतवर्णवान् भवेत्। .
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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