________________ तृतीयो मर्त्य विभाग: 223 * वाल्मीकिनामानि * प्राविधि' श्च वाल्मीकिः२, वाल्मीक श्च कविः कुशी' / मैत्रावरुणि' वल्मीकः", मैत्रावरुण उच्यते // 1412 // . * व्यासनामानि * वेदव्यास' स्तथा व्यासो२, माठरो बादरायणः / द्वैपायन' श्च कानीन:६, पाराशर्यो ऽपि कथ्यते // 1413 // .. * व्यासमातृनामानि के सत्यवती' च शालङ्का, यनजारे गन्धकालिका। तथा योजनगन्धा वै, गन्धवती' च वासवी // 1414 // मत्स्योदरी च दाशेयो', नामान्यष्टौ भवन्ति वै // 1415 // * परशुरामनामानि है रामः' परशुराम श्च, पशुराम श्च भार्गवः / जामदग्न्य' स्तथा रेणु, केय श्च रेणुकासुतः // 1416 // ॐ नारदनामानि (r) नारदो' देवब्रह्मा च, पिशुनः कलिकारकः /