________________ तृतीयो मर्त्यविभागः 206 समीक१६ मऽभिसम्पात:१७, प्रघात:१८ प्रविदारण१६ / संस्फेट 20 श्चापि संफेट:२१, संस्फोट:२२ समरो२3 रणः२४ // 1325 // प्राजि२५ रास्कन्दनं२६ द्वन्द्वं२७, प्रधनं२८ प्रविदारणम्२६ / पाहवः३० सम्प्रहारो३१ युत्३२, प्रहरणं 3 कलहः 4 कलिः३५ // 1326 // प्रायोधनं 36 तथा राटि:३७, . समिति८ श्चापि विग्रहः / तथाऽऽकन्द्रो० ऽप्यनीक४१ श्चा, भ्यामर्दो 2 ऽभ्यागमः४३ पुनः // 1327 // एतन्नामानि. कथ्यन्ते, युद्धस्य विबुधैः किल / . * नियुद्धनाम * नियुद्ध' बाहुयुद्ध च, कथ्यते तद् भुजोद्भवम् // 1328 / / * युद्धपटहनाम पटहा -ऽऽडम्बरो प्रोतो, युद्धस्य पटहे सदा। .... तुमुलनाम के युद्ध कोलाहले युक्त, तुमुलं' रणसङ्कुलम् // 1326 //