________________ प्राकृतशब्दरूपावलिः षष्ठी तृतीयावत् पोम्माणं पोम्माण / पउमाणं पउमाण सप्तमी तृतीयावत् | पोम्मासुं पोम्मासु / पउमासु पउमासु संबोधनम् (हे पोम्मे हे पोम्मा प्रथमाबहुवचनवत् हे पउमे हे पउमा ... // अथार्याशब्दः // एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा अज्जा आरिआ अज्जा और अज्जाउ अज्जाओ अज्जा आरिआउ / आरिआओ आरिआ इत्यादि / श्वश्रूवाचिआर्याशब्दस्य तु अज्जू इति रूपं भवति तस्य रूपाणि वधूवज्ज्ञेयानि / // अथ मर्यादाशब्दः॥ एकवचनम् .. बहुवचनम् प्रथमा मज्जाआ मज्जाआउ मज्जाआओ / मज्जाआ इत्यादि मालावत् // अथ जिह्वाशब्दः॥ एकवचनम् . बहुवचनम् प्रथमा जिब्भा जीहा (जिब्भाउ जिब्भाओ जिब्भा जीहाउ जीहाओ जीहा