________________ // श्रीवीतरागाय नमः // // श्रीरस्तु // // प्राकृतशब्दरूपावलिः॥ नत्वा तीर्थकृत: सुरेन्द्रमहितं पादाम्बुजं भक्तितो लध्यब्धि मुनिगौतमं गुरुवच: सद्भिः समाराधितम् / स्कृत्वा च श्रुतदेवतां भगवती सर्वार्थसिद्धिप्रदां तन्वे प्राकृतपूरुषोपकृतये रूपावली प्राकृतीम् // 1 // ॥अथ प्राकृतशब्दानां रूपाणि // - प्राकृते द्विवचनस्य बहुवचनं चतुर्थ्याश्च षष्ठीति नियम: .. तत्र प्रथमं देवशब्दस्य रूपाणि. एकवचनम् बहुवचनम् प्रथमा देवो देवा द्वितीया देवं .. देवे देवा तृतीया देवेणं देवेण देहि देवेहि 1 देवेहि पञ्चमी. . / देवत्तो देवाओ | देवत्तो देवाओ देवाउ देवाहि | देवाउ देवाहि . / देवाहिन्तो देवा ( देवेहि देवाहिन्तो देवेहिन्तो देवासुन्तो | देवेसुन्तो