SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 15 पद्म, आर्द्र, तीर्थ घृत, तृण, कृत, नूपुर . सूक्ष्म, सैन्य, दैन्य, ऐश्वर्य दैवत, वैतालीय, स्वैर, वैधव्य, गद्गद औषध, पुष्प, पत्तन, पथ्य पश्चिम, सामर्थ्य, ऊर्ध्व, युग्म तिग्म, ज्ञान, तीक्ष्ण, श्मशान दर्शन, वर्ष, वज्र, क्लान्त म्लान, क्लिन्न, क्लिष्ट, प्लुष्ट, रत्न वैडूर्य, चिह्न, दामन्, शिरस् नभस्, स्रोतस्, प्रेमन्, नामन्, कर्मन् / धामन्, सर्व नपुं. किम्, नपुं० यद् नपुं० तद् नपुं० इदम् नपुं० एतद् नपुं० अदस् नपुं० मुनि गिरि हरि, अग्नि, भ्रुकुटि ऋषि, बृहस्पति वनस्पति, वह्नि, रश्मि, ध्वनि नरपति, प्रजापति, जिनपति, बुद्धि कान्तिकीर्ति, शान्ति, दृष्टि सृष्टि, समृद्धि, प्रसिद्धि, प्रतिसिद्धि ऋद्धि, गृद्धि, प्रकृति, वृद्धि वृष्टि, मंति, रुचि, मुक्ति, रात्रि . आज्ञप्ति, श्री, ही, धृति, पङ्क्ति * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * GMSWW360MGMScWWOG Mxww
SR No.004478
Book TitlePrakrit Shabda Rupavali
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorVajrasenvijay
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy