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________________ ... 100 ... 101 स्तेन, शनैश्चर, दैत्य, भैरव वैजवन, वैदेश, वैदेह, वैदर्भ, वैश्वानर, वैशाख वैशाल, वैश्रवण, वैशम्पायन, वैतालिक, चैत्र प्रकोष्ठ, गोच्छ्वास, कौस्तुभ, क्रौञ्च / कौशिक, मौञ्जायन, शौण्ड, दौवारिक, सौर्णिक स्थविर, अयस्कार, कर्णिकार, पूतर आदित्य, स्तुत्य; त्यक्त, तीर्थकर तीर्थङ्कर, नक्तञ्चर, धनञ्जय, अर्क, विप्र जार, कुब्ज, कील, मदकल, कन्दुक किरात, मेघ, माघ, बधिर अस्थिर, प्रणष्टभय, छाग, खचित, पिशाच जटिल, वडवानल, नट, घट शठ, मठ, कुठार, कमठ, पिठर / तुच्छ, तगर, सर, तूवर, व्याप्त गर्भित, पलित, पीत, भरत कातर, शिथिर, निशीथ, दष्ट . दग्ध, दण्ड, दर, दाह, दर्भ . दम्भ, दोहद, कदर्थित, निषध . निम्ब, नापित, परुष, परिघ, पनस पारिभद्र, नीप, रेफ, शबल कबन्ध, विषम, मन्मथ, भ्रमर - करणीय, पेय, कतिपय, करवीर, दरिद्र मुखर, चरण, वरुण, रुग्ण, बठर, निष्ठुर, शबर, दशमुख, दशबल, दशरथ पाषाण, दिवस, संहार, प्राकार, आगत ... 121
SR No.004478
Book TitlePrakrit Shabda Rupavali
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorVajrasenvijay
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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