________________ गुरुभगवंतों को कंबल. वगेरे वहेराने की बोली बोलने का रीवाज हो वहां गुरु भगवन्तो को कंबली वगेरे वहेराने का चढ़ावा वगेरे देवंद्रव्य की आमदानी के उपाय है। (2) ज्ञानद्रव्य के आवक के उपाय - - आगमादि शास्त्र को वहेराने तथा पूजन की बोली। सोना महोर रुपये वगेरे से शास्त्र का पूजन करना। सांवत्सरिक प्रतिक्रमणादि में प्रतिक्रमण के सूत्रों की बोली इत्यादि उपायो से ज्ञानद्रव्य की आमदानी होती है। . (3) साधु-साध्वी क्षेत्र में द्रव्य के आवक के उपाय - कोई सद्गृहस्थ श्रावक श्राविका ने साधु साध्वी की वैयावच्च भक्ति निमित्त द्रव्य देना अथवा तनिमित्त संघ में चंदा करना। दीक्षा के समय संयम के उपकरण की बोली इत्यादि। (4) श्रावक श्राविका क्षेत्र में आवक के उपाय - आर्थिक परिस्थिति से संकट ग्रस्त श्रावक श्राविका के जीवन निर्वाह सुस्थित बन कर उनकी धर्माराधना अच्छी तरह बनी रहे इसलिये श्रीमंत श्रावक श्राविका लोक उन संकट ग्रस्त साधार्मिक को अपने घर पर निमन्त्रण कर उनकी आपत्ति नष्ट हो जाय इस ढंग से उनकी पहेरामणी आदि से भक्ति' करे। संकट ग्रस्त साधार्मिक के ऊपर अनुकंपा व दया का भाव न होना चाहिये क्योंकि दुःखित अवस्था में रहा हुआ साधार्मिक