________________ 10 . लाभ लेते है। इन सात क्षेत्र में जो धन सम्पत्ति आती है उसे सात क्षेत्र का धर्म द्रव्य कहा जाता। __ अनुकम्पा जीवदया तथा शुभ खाते में आया हुआ द्रव्य को भी धर्म द्रव्य कहा जाता है। सात क्षेत्र में आवक के उपाय - जिन प्रतिमा की पूजादि के लिए अर्पित द्रव्य प्रतिमाजी के अंग तथा अग्र पूजा का द्रव्य, जिन मंदिर के निर्माण तथा निभाव में अर्पित द्रव्य तथा गुरू की अंग तथा अग्र पूजा का तथा गुरू पूजा की बोली का द्रव्य देवद्रव्य गीने जाते है। देवद्रव्य में आवक अनेक उपायों से होती --- प्रभुजी के मंदिर या बहार कोई भी स्थल में बोली बोली जाने से, जैसे-च्यवन कल्याणक निमित्त सपनाजी की बोली। जन्म कल्याणक निमित्त पारणा का चढ़ावा। स्नात्राभिषेक (पखाल) का चढ़ावा। दीक्षा-केवलज्ञान-निर्वाण कल्याणक निमित्त अंजनाशलाकादि के महोत्सव में होते चढ़ावे। केसर चंदनादि पूजा के चढ़ावे। प्रभुजी की प्रतिष्ठादि के चढ़ावे। तथा दीक्षा उपधानादि के समय में नाण का नकरा, उपधान के माल की बोली, प्रभुजी के वरघोड़े की बोली। गुरू पूजन के चढ़ावे की बोली। सोना महोर रुपये आदि से गुरु की अंग या अग्र पूजा तथा जहां कहां पर