________________ है ? तब ज्ञानी गुरु भगवन्त ने कहा कि यह उंटडी गत जन्म में तेरी माँ थी। वह हरहमेश जिनेश्वर भगवन्त के आगे दीपक करती थी और उसी दीपक से अपना घर काम भी करती थी / जिनेश्वर भगवन्त के आगे धरे हुओ दीपक से घर काम करने से देवद्रव्य भक्षण का पाप लगता है। तेरी माँ जिनेश्वर देव के आगे रखे दीपक से अपने घर का काम करती थी। उसी तरह धूप के लिए रखी धूपदानी की अग्नि से चूल्हा भी जलाती थी। इन दोनों पाप से तेरी माँ उंटडी रूप से पैदा हुई है। तुझे और तेरे घर को देखकर इसे शान्ति मिलती है। अब तू इसे तेरी माँ के नाम से बुला और दीपक की तथा धूप की बात कर, जिससे इसे जातिस्मरण ज्ञान और प्रतिबोध होगा / देवसेन सेठ ने गुरु भगवन्त के कहे मुताबिक बात की। अपना पूर्वभव सुनकर उंडी को जातिस्मरण ज्ञान हुआ / गत जम में किये देवद्रव्य भक्षण के पाप का उसे भारी पश्चाताप हुआ और सोचने लगी “अरे ! इस पाप से उत्तम कोटी का मानव जन्म गँवा कर मैं जानवर बन गई। अब मेरा क्या होगा ? मैं धर्म कैसे 021