________________ चाहिए। जिससे देवद्रव्यादिधर्म द्रव्य के भक्षण का पाप नहीं लगे। तुरंत ही पैसे संघ की पेढी में भर-पाई करने से वे पैसे बैंक में रखने से ब्याज चालु हो जाता है। कई साल तक चढ़ावे के पैसे भर पाई न करने वाले जब पैसे चुकाते हैं तब जो ब्याज देते नही / उनको देव द्रव्यादि भक्षण का भयंकर दोष लगता है। ___ व्यवहार में भी कोई आदमी किसी को ब्याज से रपये उधार देता है और उधार लेने वाला एक सप्ताह में ही यदि वे रुपये लौटा देता है तब भी उधार देने वाला कही तो एक महिने का पूरा ब्याज ले लेता है। न केवल सप्ताह का / तो फिर जो बोली आदि के रुपए तुरंत न कावे, कई महिनों या सालों के बाद चुकावे, वे भी विना ब्याज के, यह कितना अनुचित है ! इसीलिए शास्त्र में कहा गया है कि चढावादि के पैसे तुरंत ही का दो, कुछ देर से चुकाना, हैं, तो ब्याज सहित फाओ | तभी आपको सच्चा लाभ मिलेगा / तुरंत पैसे दो में एक लाभ यह भी है कि बोली बोलकर छठीवा लो के वक्त में अमाप उत्साह होने की वजह से सी भी समय पैसे चुका देने में अपूर्व कोटिका पुल्यबंध होता