________________ ( 51 ) युद्धवीर्यः सीमन्धर-त्रिपृष्ठविष्णुर्द्विपृष्ठश्च स्वयम्भूः // पुरुषोत्तमविष्णुः पुरुष-सिंहः कोणालकनृपश्च // 22.1 // नृपतिकुबेरः सुभूमोऽ-जितोविजयमहश्च चक्रिहरिषेणः // . कृष्णः प्रसेनजित्श्रे-णिकश्च जिनभक्तराजाः // 222 // वित्तीइ सड्डबारस, लक्खे पीईइ दिति कोडीओ॥ चक्की कणयं हरिणो, रययं निवई सहसलक्खे // 223 // भत्तिविहवाणुरूवं, अन्ने वि अदिति इन्भमाईया // सोऊण जिणागमणं, निउत्तमणिउत्त एमुंवा // 224 // वृत्या सार्द्धद्वादश-लक्षाणि प्रीत्या ददति कोटीः // चक्रिणः कनकंहरयो-रजतंनृपतयः सहस्रलक्षाणि // 223 // भक्तिविभवानुरूप-मन्येपि ददतीभ्यादयश्च // श्रुत्वा जिनागमनं, नियुक्तानियुक्तेषु वा // 224 // जक्खा गोमुह महज-क्ख तिमुहजक्खेसतुंबरूकुसुमो / मायंग विजयअजिया, बंभो मणुएसर कुमारो // 225 // छम्मुह पयाल किन्नर, गरुडो गंधवतह य जक्खिदो // सकुबेर वरुणभिउडी, गोमेहोपासमायंगो // 226 // यक्षा गोमुखो महायक्ष-त्रिमुखो यक्षेशस्तुंबरुःकुसुमः // मातंगो विजयोऽजितो-ब्रह्मा मनुजेश्वरः कुमारः // 225 //