________________ . ( 36 ) तह वेजयंतिनामा, जयंति अपराजिया य देवकुरू / बारवई अ विसाला, चंदपहा नरसहसवुज्झा // 152 // शिबिका सुदर्शना सु-प्रभा च सिद्धार्थाऽर्थसिद्धा च / अभयङ्करा च निवृत्तिकरी, मनोहरा मनोरमिका च // 150 // सूरप्रभा, शुक्रप्रभा, विमलप्रभा पृथ्वी देवदिन्ना च / सागरदत्ता तथा ना-गदत्ता सर्वार्था विजया च // 151 // तथा वैजयन्ती नामा, जयन्त्यपराजिता च देवकुरुः / द्वारवती च विशाला, चन्द्रप्रभा नरसहस्रोह्याः // 152 // वसुपुञ्जो छसयजुओ; मल्ली पासो अ नरतिसयसहिया / चउसहसजुओ उसहो; इगु वीरो सेस सहसजुया // 153 // वासुपूज्यः षट्शतयुतो-मल्लिःपार्श्वश्चनरत्रिशतसहितः चतुःसहस्रयुत ऋषभ-एकोवीरःशेषाःसहस्रयुताः // 153 // नेमी बारवईए; सेसा जम्मणपुरीसु पवइआ। सिद्धत्थवणे उसहो, विहारगेहमि वसुपुज्जो // 154 // तह वप्पगाइ धम्मो, नीलगुहाए अ सुवयजिणिंदो / पासो अ आसमपए, वीरजिणो नायसंडंमि // 755 // सेसा सहसंबवणे, निक्खंता सोगतरुतले सत्वे / कयपंचमुट्ठिलोआ, उसहो चउमुट्ठिकयलोओ // 156 // नेमिरवत्यां, शेषा जन्मपुरीषु प्रव्रजिताः / / सिद्धार्थ वने ऋषभो-विहारगेहे वासुपूज्यः // 154 //