________________ (16 ) उत्तरसाढा 1 रोहिणि 2, मिअसीस 3 पुणवम् 4 महा 5 चित्ता 6 / वइसाह 7 णुराहा 8 मू-ल.९ पुछ 10 सवणो 11 सयभिसा य 12 // 65 // उत्तरभद्दव 13 रेवइ 14, पुस्स 15 भरणि 16 कत्तिया य 17 रेवइ अ 18 / अस्सिणि 19 सवणो 20 अस्सिणि 21, चित्त 22 विसाहु 23 त्तरा 24 रिक्वा // 66 // च्यवननक्षत्राणि। उत्तराषाढा रोहिणी, मृगषीर्शपुनर्वसू मघा चित्रा। : विशाखाऽनुराधामूलं, पूर्वाश्रवणशतभिषा च // 65 // उत्तराभाद्रपदोरेवती, पुष्योभरणी कृत्तिका च रेवती च / अश्विनी श्रवणमश्विनी, चित्रा विशाखोत्तरा ऋक्षाः // 66 // धणु (1) वसह (2) मिहुण (3) मिहुणो (4), सीहो (5) कन्ना (6) तुला (7) अली (8) चेव / धणु (9) धणु (10) मयरो (11) कुंभो (12), दुसु मीणो (13-14) कक्कडो (.15 ) मेसो (16) // 67 // विस (17) मीण 18 मेस 19 मयरो 20, मेसो 21 कन्ना 22 तुला 23 य कन्ना 24 य / इअ चवण रिक्खरासी, जम्मेदिक्खाएँ नाणे वि // 68 // च्यवनराशयः // धनवृषभौ मिथुनमिथुनौ, सिंहः कन्या तुला अलिश्चैव। धनधनमकराः कुंभो-द्वयोर्मीनः कर्कटो मेषः // 67 // वृषमीनमेषमकरा-मेषः कन्या तुला च कन्या च / इमे च्यवनक्षराशयो-जन्मनि दीक्षायां ज्ञानेऽपि // 68 // .