________________ 144 मूलं-चुलसिसहस 1 तोलख्खा, इग 2 दो 3 तिन्नेिव 4 - तिन्निवीसा य 5 // तिन्नियतीसा 6 तिन्निअ, 7 सडदुर्ग 8 दुन्नि 9 इगलक्खो 10 // 232 // सहसा चुलसि 11 बिसत्तरि, 12 अडसहि 13 छसहि 14 तहय चउसही // 15 बासठि 16 सहि 17 पन्ना 18, चत्ता 19 तीसाय 20 वीसाय 21 / / 233 // अहार 22 सोल 23 चउर्स 24, सहसा उसहाइयाणमुणिसंखा // अठ्ठावीसं लक्खा अडयाल सहस्ससके / 234 // छाया-चतुरशीति सहस्राणि ततोलक्षमेकं देवीण्येव त्री णिविंशतिश्च / / त्रीणि च त्रिंशत् त्रीणि च-सार्द्ध द्वे द्वे एकलक्षं / / 232 // सहस्राणि चतुरशीतिद्विसप्तति रष्टषष्टिः ष षष्टिस्तथा च चतुःषष्टिः // द्विषष्टिः षष्टिः पश्चाशत् चत्वारिंशत् त्रिंशच्च विंशतिश्च // 233 // अष्टादश षोडश चतुर्दश-सहस्राणि ऋषभादीनां मुनि संख्या // अष्टाविंशतिलक्षाण्यष्टचत्वारिंशत्सहस्राणि सर्वाङ्के // 234 // ભાવાર્થ–-શ્રી ઋષભનાથને ચોરાશી હજાર સાધુની સંખ્યા ૧.શ્રી અજીતનાથને એક લાખ 2. શ્રી સંભવનાથને બે લાખ, 3. શ્રી અભિનંદનને ત્રણ લાખ 4: શ્રી સુમતિનાથને ત્રણ લાખ વીસ હજાર 5. શ્રી પદ્મપ્રભને ત્રણ