________________ 81 पडिरुवाइ चउद्दस, खेतीमाई य दसविहो धम्मो / बारस. य भावणाओ, सूरिगुणा हुंति छत्तीसं // 845 // छव्वय उक्कायरक्खा, पंचिंदिय लोहनिग्गहो खंती / भावविसुद्धी पडिलेहणाइ, करणे विसुद्धी य // 846 // संजमजोएजुत्त य, अकुसलमणवयणकायसु निरोहो / सीयाइपीडसहणं, मरणं उवसग्गसहणं च // 847 // सत्तावीसगुणेहि, एएहिं जो विभूसिओ साहू / तं पणमिज्जह भत्ति-भरेण हिअएण रे जीव ! // 848 // पढमा आवस्सिया नाम, बीया य निसीहिया / आपुच्छणा य तइया,. चउत्थी पडिपुच्छणा // 849 // पंचमा छंदणा नाम, इच्छाकारो य छट्टओ / सत्तमो मिच्छाकारी य, तहक्कारो य अट्ठमो // 850 // अब्भुट्ठाणं नवमं, दसमा उवसंपया / एसा दसंगा साहूणं, सामायारी पवेइया // 851 / / मण-परमोहि-पुलाए-आहारग-खवग-उवसमे-कप्पे / संजमतिअ-केवलि-सिज्झणाय-जंबुम्मि वुच्छिन्ना // 852 // चत्तारिवाराओ, चउदसपुवी करेइ आहारं ( सरीरं) / संसारम्मि वसंतो, एगभवे दुन्नि वाराओ // 853 // अरिहंत चक्कि केसव, बल संभिन्ने अ चारणे पुव्वा / गणहर पुलाय आहारगं च, न हु हवइ महिलाणं // 854 // पम्हढे सारणा वुत्ता, अणायारस्स वारणा / चुक्काण चोयणा वुत्ता, निटूठुरं पडिचोयणा // 855 //