________________ जा उण कस्सइ चिंता, केसु वि सा नूण दुहफला / होअब्बमहोअब्बं, च अन्नहा कुणइ नो चिन्ता // 174 // सीयंति सव्वसत्थाई एत्थ न कमंति मन्ततन्ताई।.. अदिट्ठपहरणम्मि य, विहिम्मि किं पोरुसं कुणउ // 175 / / जं जेण पावियव्यं, सुहमसुहं वावि जीवलोयम्मि / तं पाविज्जइ नियमा, पडियारो नत्थि एयस्स // 176 // जा जा डाला लंबइ, हत्थं गहिउण वीसमइ जत्थ / सा सा तउत्ति तुट्टइ, नरस्स दिवे पराहुत्ते // 177 // जं नयणेहि न दीसइ, हियएण वि जं न चिंतियं कहवि / तं तं सिरम्मि निवडइ, नरस्स दिव्वे पराहुत्ते // 178 // जइ विसइ विसमविवरे, लंघइ उदर्हि करेज ववसायं / तहवि हु फलं न पावइ, पुरिसे दिव्वे पराहुत्ते // 179 // खण्डिज़्जइ विहिणा ससहरो, सूरस्स वि अत्थमणं / हा दिवपरिणईए, कवलिज्जइ को न कालेण // 180 // को एत्थ सया सुहिओ, कस्स व लच्छी थिराई पेम्माइ। कस्स व न होइ खलण, भण को हुन खण्डिओ विहिणा // 181 // विहिणा जंचिय लिहियं, नलाडवट्टीए तेणदइवेण / पच्छा सोवि पसन्नो, अन्नह करिउ न हु समत्थो // 182 // अवहरइ जं न विहिय, जं विहियं तं पुणो न नासेइ / अइनिउणो नवरि विही, सित्थं पि न वढिङ. देह // 183 //