________________ उवएसमाला (6) जिणवयणसुइसकण्णा, अवगयसंसारघोरपेयाला / बालाण खमंति जई, जइत्ति किं इत्थ अच्छेरं ? // 43 // न कुलं इत्थ पहाग, हरिएसबलस्स किं कुलं आसी / आकंपिया तवेणं, सुरावि जं पज्जुवासंति // 44 // देवो नेरइउत्ति य, कीड पयंगुत्ति माणुसो वेसो। रूवस्सी अ विरूवो, सुहभागी दुक्खभागी अ // 45 // राउत्ति य दमगुत्ति य, एस सपागुत्ति एस वेयविऊ / सामी दासो पुज्जो, खलत्ति अधणो धणवइत्ति / / 46 // नवि इत्थ कोऽवि नियमो, सकम्मविगिविट्ठसरिसकयजिट्ठो। अन्नुन्नरूववेसो, नडुव्व परियत्तए जीवो // 47 // कोडीसएहिं धणसंचयस्स गुणसुभरियाएँ कन्नाए। नवि लुद्धो वयररिसी, अलोभया एस साहूणं // 48 // अंतेउरपुरबलवाहणेहिं वरसिरिघरेहिं मुणिवसहा / कामेहिं बहुविहेहि य, छंदिज्जंतावि नेच्छंति // 49 // छेओ भेओ वसणं, आयासकिळेसभयविवागो अ। मरणं धम्मभंसो, अरई अत्थाउ सव्वाइं // 50 // दोससयमूलजालं, पुव्वरिसिविजिय जई वंतं / अत्थं वहसि अणत्थं, कीस अणत्थं तवं चरसी ? // 51 // वह-बंधण-मारण-सेहणाओ काओ परिग्गहे नत्थि / तं जइ परिग्गहुच्चिय, जइधम्मो तो नणु पवंचो // 52 // किं आसि नंदिसेणस्स कुलं जं हरिकुलस्स विउलस्स / आसी पियामहो सच्चरिएण वसुदेवनामुत्ति // 53 / / स्स।