________________ 129 भवभावना विहियपमाया केवलसुहेसिणो लुत्तपरधणा विगुणा / वाहिज्जते महिसत्तणम्मि जह खुड्डओ विवसो // 196 // काउं कुडुंबकज्जे समुद्दवणिओव्व विविहपावाई / मारेउं महिसत्ते भुंजइ तेणवि कुडुंरेण // 117 // उयरे उंटकरकं पठ्ठीऍ भरो गलम्मि कूवो य / उड्ढं मुंचइ पोक्करइ तहावि वाहिज्जए करहो // 118 // नासाएँ समं उटुं बंधेउं सेल्लियं च खिविऊण / लज्जूए अ खिविज्जइ करहो विरसं रसंतोऽवि // 119 // गिम्हम्मि मरुत्थलवालयासु जलगो सिणासु खिज्जंतो। गरुयपि हु वहइ भरं करहो नियकम्मदोसेण / / 200 // जिणमयमसदहंता दंभपरा परधणेक्कलुद्धमणा / अंगारसूरिपमुहा लहंति करहत्तर्ण बहुसो // 201 // जीवंतस्सवि उक्कित्तिउं छवि छिंदिऊण मंसाई / खद्धाई जं अणज्जेहिं पसुझवे किं न तं सरसि ? // 202 // गलयं छेत्तण कत्तियाइ उल्लंबिऊण पांणेहिं / घेत्तुं तुह चम्ममंसं अगंतसो विक्कियं तत्थ // 203 // दिन्नो बलीए तह देवयाण विरसाई बुब्बुयंतोऽवि / पाहुणणिसिभोयणेसु य कओ सि तो पोसिउं बहुसो // 204 // धम्मच्छलेण केहिवि अन्नाणंधेहि मंसगिद्धेहिं / निहओ निरुद्धसत्तो गलयं वलिऊण जन्नेसु // 205 // ऊरणयगलगमाई निराउहा नाहवज्जिया दीणा / मुंजति निग्घिणेहिं दिजंति बलीसु य न वग्घा // 206 //