________________ 127 . भवभावना mmmmmmwwwwwwwwwwwmarrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr सत्तमियाउ अन्ना अट्ठमिया नत्थि निरय पुढ वित्ति / एमाइ कुणसि कूडुत्तराई इण्हि किमुव्वयसि ? // 174 / / इय चिंताए बहुवेयणाहिं खविऊण असुहकम्माई / जायंयंति रायभुवणाइ एसु कमसो य सिझंति // 175 // अन्ने अवरोप्पर कलह भावओ तहय कोवकरणेणं / पावंति तिरियभाव भमंति तत्तो भवमणतं // 176 // पाणिवहेणं भीमो कुणिमाहारेण कुंजरनरिंदो। आरंभेहि य अयलो नरयगईए उदाहरणा // 177 / / एवं संखेवेणं निरयगई वन्निया तओ जीवा / पाएण होति तिरिया तिस्यिगई तेणऽओ वोच्छं // 178 // एगिदिय विगलिंदिय पंचिंदिय भेयओ तहिं जीवा / परमत्थओ य तेसिं सरूवमेवं विभावेज्जा // 179 // पुढवीफोडण संचिणणहलमलखणणाइदुत्थिया निच्चं / नीरंपि पियण तावण घोलण सोसाइ कय दुक्खं // 180 // अगणी खोट्टण चूरण जलाइ सत्थेहिं दुत्थियसरीरा / वाऊ वीयण पिट्टण उसिणाणिल सत्थकयदुत्थो // 181 // छ्यण सोसण भंजण कंदणदढ दलण चलण मलणेहिं / उल्लूरणउम्मूलण दहणेहि य दुक्खिया तरुणो // 182 // गोला होंति असंखा होति निगोया असंखया गोले / एक्कको य निगोदो अणतजीवो मुणेयव्वो // 183 // एगूसासम्मि मओ सतरस वाराउऽयंतखुत्तोऽवि / खोल्लग भवगहणाऊ एएसु निगोयजीवसु // 184 //