________________ // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // // 46 // // 47 // उग्गहजायण उग्गहनिसामणं उग्गहस्स सीमा य / / साहम्मिउग्गहो गुरुअणुनाए भोयणं पंच इत्थिकह-इथिइंदिय-निरिक्खणाऽऽहार-गिद्धिपरिहारो / संथवभूसअकरणं चउत्थवए भावणा पंच इंदियविसए सद्दे रूवे गंधे रसे य फासे य / गेहिपओसं न करे पंचमवय भावणा पंच अणसणमाई य तवो बारसहा होइ समयसंसिद्धो / मासाई सत्तंता एमाई पडिमबारसगं दव्वे खेत्ते काले भावे य अभिग्गहा चउविगप्पा / नाणापयारभेया निद्दिट्ठा समयकेऊहिं / पिंडस्स जा विसोही इमाइ गाहाए पंजलगईए / विवरे कयम्मि होई सयमेगं उत्तरगुणाणं अन्नेसुं किर गंयंतरेसु छनवइ उत्तरगुणा उ। . जं निसुणिज्जएँ वकं तहि दव्वाईचउक्कम्मि. यमसज्झाओ उस्सारियम्मि सेसाउ होइ छावई / दव्वाइचउगमुत्तरगुणेसु भिन्नं पि गणियव्वं तह अनेसुं गंयंतरेसु नवनउइ उत्तरगुणाओ / इय वकं दीसइ तत्थ सुणह एयस्स भावत्थं छत्रवइए मज्झे गुत्तित्तिगे पाडियम्मि नवनउई / होई इत्थ विभिन्नं दव्वाइचउक्कयं गेझं तो मूलिगगाहाए बीयपए वायणाविसेसोऽयं / . भणियब्वो समिइगुत्तितिभावणाईणि तह चेव अन्ने वि य उत्तरगुणा अणागयप्पच्चखाणमाईया / भेयपडिभेयभिन्ना सुत्ताउ बुहेहिं नायव्वा .. 269 // 48 // // 49 // // 50 // // 52 // // 53 //