________________ // 8 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // इगसटुंसतिवन्ना, चंदाणं पंचनवहिअसयाइं / अट्ठहिँ भागेहि जओ, अब्भहिअं मण्डलं ससिणो जस्स जओ आइञ्चो, उदेइ सा तस्स होइ पुव्वदिसा। जत्थ वि अ अत्थमेई, अवरदिसा सा उ नायव्वा दाहिणंपासम्मि अ दाहिणा उ वामेण उत्तरा होइ / एआओ तावदिसा, सव्वेसिं उत्तरो मेरू पिढे पुव्वा पुरओ, अवरा वलए भमंतसूरस्स / दाहिणकरम्मि मेरू, वामकरे होइ लवणोही सगचत्तसहस दुसई, तेवट्ठा तहिगवीस सटुंसा / पुव्वावरकरपसरो, कक्के सूरा अहुत्तरओ असिइसऊण सहस्सा, पणयालीसाह जम्मओ दीवे / असिइसयं लवणे वि अ , तित्तीससहस्स सतिभागा इगतीससहसअडसयइगतीसा तह य तीस सटुंसा / / मयरे रविरस्सीओ, पुव्ववरेणं अह उदीणे लवणे तिसई तीसा, दीवे पणचत्तसहस अह जम्मे / लवणम्मि जोअणतिगं, सतिभाग सहस्स तित्तीसा पइदिणमवि जम्मुत्तर, अडसत्तरिसहस सहसतइअंसो / उड्डह गुणवीससया, अवट्ठिआ पुव्वावरा रस्सी मयरम्मि वि कक्कम्मि वि, हिट्ठा अट्ठारजोअणसयाई / जोअण सयं च उर्दु, रविकर एवं छसु दिसासु जइआ. जंबूमंदरनगाउ पुव्वावरेण होइ दिणं / तइआ रयणी नेआ, नरलोए दाहिणुत्तरओ उत्तरदाहिणओ पुण, दिवसे पुव्वावरेण किर रयणी। भणिअमिणं पंचमसयपढमुद्देसे भगवईए . // 54 // // 55 // // 57 // // 58 // . // 59 // 251