________________ एग समयम्मि लोए सुहुमागणिजिया उ जे उ पविसंति / से हुंतऽसंखलोयप्पएसतुल्ला असंखेज्जा . // 1050 // तत्तो असंखगुणिया अगणिक्काया उ तेसि कायठिई।। ततो संजमअणुभागबंधठाणाणिऽसंखाणि // 1051 // ताणि मरतेण जया पुट्ठाणि कमुक्कमेण सव्वाणि / भावम्मि बायरो सो सुहुमो य कमेण बोद्धव्वो // 1052 // भरहाइ विदेहाई एरवयाइं च पंच पत्तेयं / भन्नति कम्मभूमीउ धम्मज़ोग्गा उ पन्नरस // 1053 // हेमवयं हरिवासं देवकुरू तह य उत्तरकुरू वि / रमय एनवयं इय छब्भूमी उ पंचगुणा // 1054 // एया अकम्मभूमीउ तीस सया जुअलधम्मजणठाणं / दसविहकप्पमहदुमसमुत्थंभोगा पसिद्धाओ . // 1055 // जाइ कुल रूव बल सुय तव लाभिस्सरिय अट्ठ मयमत्तो / एयाई चिय बंधइ असुहाई बहुं च संसारे // 1056 // भूजल जलणानिल वण बि ति चउ पंचिंदिएहिं नव जीवा। मणवयणकाय गुणिया हवंति ते सत्तवीसंति // 1057 // एक्कासीई सा करणकारणाणुमइताडिया होइ। . सच्चिय तिकालगुणिया दुन्नि समा होति तेयाला // 1058 // संकप्पाइतिएणं मणमाईहिं तहेव करणेहिं। / कोहाइचउक्केणं परिणामेऽट्ठोत्तरसयं च. // 1059 // संकप्पो संरंभो परितावक़रो भवे समारंभो / आरंभो उद्दवओ .सुद्धनयाणं च सव्वेसि // 1060 // दिव्वा कामरइसुहा तिविहं तिविहेण नवविहा विरई। ओरालियाउ वि तहा तं बंभं अट्ठदसभेयं // 1061 //