________________ // 835 // // 836 // // 837 // // 838 // // 839 // - // 840 // सययं तु अप्पमत्तस्स भगवओ जाव चक्खुपम्हं पि / निवयइ ता सुहुमा हू इरियावहिया किरिय एसा सामाइयं चउद्धा सुय दंसण. देस सव्व भेएहिं / ताण इमे आगरिसा एगभवं पप्प भणियव्वा तिण्ह सहस्सपुहुत्तं च सयपुहुत्तं होइ विरईए / एगभवे आगरिसा एवइया हुंति नायव्वा तिण्ह असंखसहस्सा सहसपुहुत्तं च होई विरईए / नाणभवे आगरिसा एवइया हुंति नायव्वा सीलंगाण सहस्सा अट्ठारस एत्थ हुंति नियमेणं / भावेणं समणाणं अखंडचरित्तजुत्ताणं जोए करणे सन्ना इंदिय भोमाइ समणधम्मे य / सीलंगसहस्साणं अट्ठारगस्स निप्पत्ती. करणाइं तिन्नि जोगा मणमाईणि हवंति करणाई / आहाराई सन्ना चउ सोयाइंदिया पंच भोमाई नव जीवा अजीवकाओ य समणधम्मो य। खंताइ दसपयारो एवं ठिय भावणा एसा न करइ मणेण आहारसन्नविप्पजढगो उ नियमेण / सोइंदियसंवरणो पुढविजिए खंतिसंजुत्तो इय मद्दवाइजोगा पुढवीकाए हवंति दस भेया। . आउक्कायाईसु वि इअ एए पिंडिअं तु सयं .. 'सोइंदिएण एवं सेसेहि वि जं इमं तओं पंच / आहारसन्नजोगा इय सेसाहिं सहस्सदुगं एवं मणेण वयमाइएसु एवं तु छस्सहस्साइं। न करे सेसेहि पि य एए सव्वे वि अट्ठारा // 841 // // 842 // // 843 // // 844 // // 845 // // 846 //