________________ // 767 // संजमजोए अब्भुट्ठियस्स जं किं पि वितहमायरियं / मिच्छा एवं ति वियाणिऊण मिच्छ त्ति कायव्वं . // 763 // कप्पाकप्पे परिनिट्ठियस्स ठाणेसु पंचसु ठियस्स। संयमतवड्डगस्स उ अविकप्पेणं तहक्कारो // 764 // आवस्सिया विहेया अवस्सगंतव्वकारणे मुणिणा / तम्मि निसीहिया जत्थ सेज्जठाणाइ आयरइ // 765 // आपुच्छणा उ कज्जे पुव्वनिसिद्धेण होइ पडिपुच्छा। पुव्वगहिएण छंदण निमंतणा होअगहिएणं // 766 // उवसंपया य तिविहा नाणे तह दंसणे चरित्ते य। . एसा हु दसपयारा सामायारी तहऽन्ना य पडिलेहणा पमज्जण भिक्ख-रियाऽऽलोय भुंजणा चेव / पत्तगधुयण वियारा थंडिल आवस्सयाईया. // 768 // उवसमसेणिचउक्कं जायइ जीवस्स आभवं नूणं / ता पुण दो एगभवे खवगस्सेणी गुणो एगा // 769 // गीयत्थो य विहारो बीओ गीयत्थमीसओ भणिओ। एत्तो तइयविहारो नाणुन्नाओ जिणवरेहिं // 770 // दव्वओ चक्खुसा पेहे, जुगमित्तं तु खेत्तओ। . कालओ जाव रीएज्जा, उवउत्तोन्य भावओ // 771 // अप्पडिबद्धो अ सया गुरूवएसेण सव्वभावेसुं। . मासाइविहारेणं विहरेज्ज जहोचियं नियमा // 772 // मुत्तूण मासकप्पं अन्नो सुत्तम्मि नत्थि उ विहारो / ता कहमाइग्गहणं कज्जे ऊणाइभावेणं // 773 // कालाइदोसओ जइ न दव्वओ एस कीरए नियमा। भावेण तह वि कीरइ संथारगवच्चयाईहिं // 774 // ..... . 75