________________ // 487 // तिण्णि सया तेत्तीसा धणुत्तिभागो य. होइ बोद्धव्वो। एसा खलु सिद्धाणं उक्कोसोगाहणा भणिया चत्तारि य रयणीओ रयणि तिभागणिया य बोद्धव्वा / एसा खलु सिद्धाणं मज्झिमओगाहणा भणिया // 488 // एगा य होइ रयणी अट्ठेव य अंगुलाइ साहीया / एसा खलु सिद्धाणं जहण्णओगाहणा भणिया : // 489 / / सिरि उसहसेणपहु वारिसेण सिरिवद्धमाणजिणनाह / चंदाणण जिण सव्वे वि भवहरा होह मह तुब्भे .. // 490 // पत्तं पत्ताबंधो पायट्ठवणं च पायकेसरिया। पडलाइं रयत्ताणं च गुच्छओ पायनिज्जोगो // 491 // तिन्नेव य पच्छागा रयहरणं चेव होइ मुहपोत्ती। एसो दुवालसविहो उवही जिणकप्पियाणं तु // 492 // जिणकप्पिया वि दुविहा पाणीपाया पडिग्गहधरा य / पाउरणमपाउरणा एक्केक्का ते भवे दुविहा // 493 // दुग तिग चउक्क पणगं नव दस एक्कारसेव बारसगं / एए अट्ठ विगप्पा जिणकप्पे हुंति उवहिस्स // 494 // पुत्तीरयहरणेहिं दुविहो तिविहो य एक्ककप्पजुओ। चउहा कप्पदुगेणं कप्पतिगेणं तु पंचविहो // 495 // दुविहो तिविहो चउहा पंचविहो वि हु सपायनिज्जोगो। जायइ नवहा दसहा एक्कारसहा दुवालसहा // 496 // अहवा दुगं च नवगं उवगरणे हुंति दुन्नि उ विगप्पा / पाउरणवज्जियाणं विसुद्धं जिणकप्पियाणं तु . // 497 // तवेण सुत्तेण सत्तेण एगत्तेण बलेण य / / तुलणा पंचहा वुत्ता, जिणकप्पं पडिवज्जओं // 498 // 42