________________ . .. || 280 // सहसा कलंकणं रहसदूसणं दारमंतभेयं च। तह कूडलेहकरणं मुसोवएसो मुसे दोसा . // 275 // चोराणीयं चोरप्पयोंगजं कूडमाणतुलकरणं / रिउरज्जव्ववहारो सरिसजुई तइयवयदोसा // 276 // भुंजइ इतरपरिग्गहमपरिग्गहियं थियं चउत्थवए। कामे तिव्वहिलासो अणंगकीला परविवाहो : // 277 // जोएइ खेत्तवत्थूणि रुप्पकणयाइ देइ सयणाणं / धणधन्नाइ परघरे बंधइ जा नियमपज्जंतो / / 278 // दुपयाई चउप्पयाई गम्भं गाहेइ कुष्पसंखं च / / अप्पधणं बहुमोल्लं करेइ पंचमवए दोसा // 279 / / तिरियं अहो य उड्डे दिसिंवयसंखाअइक्कमे तिन्नि। दिसिवयदोसा तह सइविम्हरणं खित्तवुड्डी य अप्पक्कं दुप्पक्कं सच्चित्तं तह सच्चित्तपडिबद्धं / तुच्छोसहिभक्खणयं दोसा उवभोगपरिभोगे // 281 // कुक्कुइयं मोहरियं भोगुवभोगाइरेग कंदप्पा / जुत्ताहिगरणमेए अइयाराऽणत्थदंडवए // 282 // काय मणो वयणाणं दुप्पणिहाणं सईअकरणं च / अणवट्ठियकरणं चिय सामइए पंच अइयारा // 283 // आणयणं पेसवणं सद्दणुवाओ य रूवअणुवाओ। बहिपोग्गलपक्खेवो दोसा देसावगासस्स // 284 // अप्पडिलेहिय अप्पमज्जियं च सेज्जाइ थंडिलाणि-तहा। संमं च अणणुपालण मइयारापोसहे पंच // 285 // सच्चिते निक्खिवणं सच्चित्तपिहणं च अन्नववएसो। मच्छरइयं च कालाईयं दोसाऽतिहिविभाए / // 286 // 24