________________ इच्छा१ गमण२ पाण३ ओसा४ जे मे५ एगिदि६ अभिहया७ तस्स८ इरियाविस्सामेसुं पढम पया होति दट्ठव्वा // 709 / अरिहं१ आइगरर पुरिसु३ लोगु४ ऽभय५ धम्म६ अप्प७ जिण८ सव्व सक्कथयसंपयाणं पढमुल्लिगणपया नेया // 710 / दो तिन्नि चउर पंच य पंच पंचेव दुन्नि चउ तिन्नि। सक्कथयम्मि नव संपया उ आलाव तित्तीसं // 711 / अरहं वंदण संद्धा अन्नत्थू सुहुम एव जा ताव। .. अरहंतचेइयथए विस्सामाणं पया पढमा // 712 // तिग३छच्च६ सत्त७ नवगं९ तिय३ पंच य५ चउर४ छच्च६ बोद्धव्वा अरहंतचेइयाणं आलावा होंति तेआलं . // 713 // पायसमा वीसामा लोयस्सुज्जोयमाइदंडतिए। अडवीस२८ सोल१६ वीसा२० चउसट्ठी होंति वीसामा // 714 // चिंधाइसु अडवन्नं अहिगाराईसु सत्त नउयसयं / मिलिया सव्वे भेआ दुनि सया होति पणवत्रा // 715 // एवं जे जिणवंदणमाणाजुत्ता करिति तिकालं। पंचावन्नहिय दुसयभेयकलियं विहिपहाणा // 716 // ते भुत्तूणं नरसुरसुहाई कित्तीइ धवलिऊण महि / लंघित्तु भवसमुदं मुक्खसुहं लहु लहंति धुवं // 717 // जइ गुरुणो तत्थलमागया हवंति तया गुरुसमीवे वंदणं देइ, अह वसहीए (तो तत्थ गंतूण) देइ, जओ सव्वाणुट्ठाणं गुरुणो समीवे होइ मुद्दाजुत्तो मुहदिन्नपुत्तिओ हत्थधरियरयहरणो। .. निययवयअवहियमणो वंदण अरिहो गुरू होइ // 718 / दाऊण खमासमणं उग्गहभूमीय पडिक्कमिय इरियं / आएसं मग्गित्ता सड्ढो पडिलेहए पुत्ति / // 719 // 286