________________ पंचमओ पुण हियए छट्ठो पावेइ कडियलपएसं / सत्तमओ जा ऊरू जाणू जा नेइ अट्ठमओ // 586 // एएण नवमहरिणा एसा चउरंगुलं समुक्खित्ता / उच्चत्तवित्थरेहिं पत्तेयं जोयणपमाणा // 587 // लेसेणं इह विहियं नामजिणाणं च वण्णणं परमं / संपइ ठवणजिणाणं किंचि सरूवं च पयडेमि // 588 // भत्ती१ मंगल२ चेइय निस्सकड३ अनिस्सचेइए४ वा वि / सासयचेइय५ पंचममुवइटुं जिणवरिंदेहिं // 589 // गिहि जिणपडिमा भत्तिचेइयं१ उत्तरंगघडियं तु / जिणबिंबं मंगलचेइयंति समयन्नुणो बितिर // 590 // लेवो१ वल२ दंतय३ कट्ठ४ लोह५ वत्थूण पंच पडिमाउ। नो कुज्जा गिहि पडिमा कुलधणनासावहा जम्हा // 591 / / परिवारमाणरहियं घरम्मि नो पूयए पडिमं [निरयावलिया सुत्ति] पित्तल१ सुवन्नर रुप्पय३ रयणाणं चंदकंतमाईणं / . कुज्जा य लक्खणजुयं सत्तंगुल जाव नो अहिया // 592 // गिहपडिमाणं पुरओ बलिवित्थारो न चेव कायव्वो। निच्चं ण्हवणं तियसंझमच्चणं भावओ कुज्जा . // 593 // गंधोदएण ण्हवणं पूया अट्ठविहमंगलाई च। . आरत्तिगाइमाइं कायव्वं सव्वमणुदियहं // 594 / / दप्पण१ भद्दासण२ वद्धमाण३ सिरिवच्छ४ मच्छ५ वरकलसा६ / सत्थिय७ नंदवत्ता८ मंगलाईणि एयाणि // 595 // अटेव य मंगलाई पुरओ काऊण अट्ठविह पूआ / आरत्तिगाइ(गए)माई कायव्वं सव्वं अणुदियहं // 596 // 205