________________ // 365 // // 366 // // 367 / / // 368 // // 369 // अण मिच्छ मीससम्मं अट्ठ नपुंसित्थिवेय छक्कं च / पुमवेयं च खवेई कोहाईए उ संजलणे नवरं इत्थी खवगा नपुंसगं ख़विय खवइ थीवेयं / हासाइछगं खविउं खवइ सवेयं नरो खवगो जलाइयं सव्वं पिटु विय गोयरयरियं पडियरू, कालो गोयरचरिया थंडिल्ला वसहि वत्थपडिलेहा। संभरओ सो य साहू जस्स य जं किंचि आउत्तं चियवंदण उस्सग्गो पुत्तिय पडिलेह वंदणालोए / सुत्तं वंदण खामण वंदणय चरित्त उस्सग्गो दंसणनाणुस्सग्गा सुयदेवयखित्तदेवयाणं च / पुत्तियवंदण थुइतिय सक्कत्थय थुत्त देवसियं मुहपुत्तिय वंदणयं संबुद्धाखामणं तहाऽऽलोए / वंदण पत्तेयं खामणाणि वंदणय सुत्तं च सुत्तं अब्भुट्ठाणं उस्सग्गो पुत्तिवंदणं तहय। . पज्जंते खामणयं एस विही पक्खिपडिक्कमणे . देसिय चाउम्मासिय संवच्छरिएसु पडिक्कमणमज्झे। मुणिणो खामिजंति तिन्नि तहा पंच सत्त कमा चत्तारि दो दुवालस वीसं चत्ता य हुँति उज्जोया। देसिय राइय पक्खिय चाउम्मासे य वरिसे य . अणुजाणह परमगुरू ! गुरुगुणरयणेहिं भूसियसरीरा ! / बहु पडिपुन्ना पोरिसि राईसंथारए ठामि अणुजाणह संथारं बाहुवहाणेण वामपासेणं / कुक्कुडिय पायपसारण अतरंत पमज्जए भूमि // 370 // // 371 // // 372 // // 373 / / // 374 // // 375 // . 255