________________ तवेण सुत्तेण सत्तेण एगत्तेण बलेण य। तुलणा पंचहा वुत्ता जिणकप्पं पडिवज्जओ // 307 / / फासण 1 रसणा 2 घाणं 3 चक्टुं 4 सोयं च 5 इंदिया पंच। फास 1 रस 2 गंध 3 वन्ना 4 सद्दा विसया विणिट्ठिा // 308 // पडिलेहणाणि गोसावरण्हउग्घाडपोरिसीसु.तिगं। तत्थ पहाए अणुग्गयसूरे पडिक्कमणकरणाओ : // 309 // मुहपत्ति 1 चोलपट्टो 2 कप्पतिगं 3 दुनिसिज्ज 7 रयहरणं / संथारु 9 त्तरपट्टो 10 दस पेहोऽणुग्गए सूरे . // 310 // पडिलेहिऊण उवहिं गोसम्मि पमज्जणा उ वसहीए। अवरण्हे पुण पढमं पमज्जणा तयणु पडिलेहा // 311 // दुन्नि उ पमज़्जणाओ उउम्मि वासासु तइय मज्झण्हे। वसहि बहुसो पमज्जण अइसंघट्टेऽन्नहिं गच्छे / // 312 // मणगुत्तिमाइयाओ गुत्तीओ तिन्नि हुंति नायव्वा / अकुसलनिवत्तिरूवा कुसलपवित्तिस्सरूवा य // 313 // दव्वे खित्ते काले भावे य अभिग्गहा विणिद्दिवा / ते पुण अणेगभेया करणस्स इमं सरूवं तु. // 314 // संजोयणा१ पमाणे२ इंगाले३ धूम४ कारणे५ चेव। उवगरण भत्तपाणे सबाहिरब्जिंतरा पढमा . // 315 // कुक्कुडिअंडयमित्ता कवला बत्तीस भोयण पमाणे 2 / राएणासायंतो संगारं करइ सचरित्तं // 316 // जं भोयणममणुन्नं दोसेण सधूमगं कुणइ चरणं 4 / वेयावच्चाईया कारणमविहिम्मि अइयारो // 317 // वेयण 1 वेयावच्चे 2 इरियट्ठाए 3 य संजमट्ठाए 4 / तह पाणवत्तियाए 5 छटुं पुण धम्मचिंताएं 6 // 318 // ૨પ૦