________________ जीहाए वि लिहंतो न भद्दओ सारणा जहिं नत्थि। दंडेण वि ताडितो स भद्दओ सारणा जत्थ // 236 // नत्थि सारणा वारणा य पडिचोयणा य गच्छम्मि। सो य अगच्छो गच्छो मुत्तव्वो संजमत्थीहिं // 237 // पम्हढे सारणा वुत्ता, अणायारस्स वारणा / . चुक्काणं चोयणा भुज्जो, निट्टरा पडिचोयणा . . // 238 // किं कीरइ बहुएहिं वि गणिणो गच्छम्मि पावसमणेहिं / सुन्न च्चिय साला सुंदर त्ति नहुं चोरसंकिन्ना // 239 // एयं गच्छववत्थं दुप्पसहाणंतरं तु जो खंडे। तं गोयम ! जाण गणी निच्छयओऽणंतसंसारी // 240 // कालोचियजयणाए मच्छररहियाण उज्जमंताणं / जणजत्तारहियाणं होइ जइत्तं जईण सया // 241 // जावज्जीवं गुरुणो असुद्धसुद्धेहिं वा वि कायव्वं / वसहे बारस वरिसा अट्ठारस भिक्खुणो मासा // 242 // भत्ते पाणे धुव्वण पसंसणा हत्थपायसोए य। आयरिए अइसेसा हवंति दोसा अणायरिए . // 243 // करचरणनयणदंसणाइधोयण पंचमो य अइसेसो। आयरियस्स उ सययं कायव्वो होइ नियमेणं // 244 // सव्वत्थ संजमं संजमाओ अप्पाणमेव रक्खिज्जा। मुच्चइ अइवायाओ पुणो विसोही न याविरई // 245 // गीयत्थो य विहारो बीयओ गीयत्थमीसिओ भणिओ। इत्तो तइयविहारो नाणुनाओ जिणवरेहिं // 246 // चिक्खिल्ल१ पाण२ थंडिल्ल३ वसही४ गोरस५ जणाउले६ विज्जे 7 / ओसहा निचया९ हिवई१० पासंडा११ भिक्ख१२ सज्झाए 13 244