________________ // 64 // इगभेया अस्संववहारयसन्ना उ ते विणिट्ठिा / ते वि य गोलनिगोया हुंती सुत्ते जओ भणियं // 60 // गोला य असंखेज्जा असंखनिग्गोय गोलओ भणिओ। एक्कक्कम्मि निगोए अणंतजीवा मुण्णेयव्वा // 61 // गोलनिगोयट्ठवणा पन्नत्तीओ विसेसओ नेया। भूजलतेऊपवणा चउविह सुहुमा तहावऽन्ने // 62 // पुव्वुत्तबायरा पणविहा उ सव्वे वि नवविहा एए। संववहारियसत्ता निद्दिट्ठा समयकेऊहिं // 63 // अविभागपलिच्छेययवग्गणफड्डेहिं णंतगुणिएहिं / एगं संजमठाणं अणंतचारित्तपज्जायं संजमठाणेहिं असंखएहिं इह भवइ कंडगं एगं / अस्संखकंडगेहिं जायइ छट्ठाणगं एगं // 65 // छट्ठाणएहिं अस्संखएहिं इह होइ संजमस्सेढी / एत्थ य कंडगठवणा बिंदुगबितिचउरषणगेहिं . // 66 // किज्जइ तत्थ उ सुन्नाण हुंति सड्ढा उ बारस सहस्सा / पणवीस सया एक्काण हुंति सयपंच य दुगाणं // 67 // सयमेगं च तिगाणं बिसई चउगा उ पंचग चउक्कं / सव्वंकमीलणम्मी एग छट्ठाणगं होइ' // 68 // गंठि त्ति सुदुब्भेओ कक्खड (कर्कश:) दढरूढगूढांठि व्व। जीवस्स कम्मंजणिओ घणरागद्दोसपरिणामो // 69 // ठिइकंडगाण उवरि बहुइ सहस्सा अइच्छिया जाहे। संखेज्जइमे भागे सेसे अनियट्टिअद्धाए // 70 // आढवइ (आरभते) अंतरं सो अंतमुहत्तं तु हे? उवरी य / तं पढमट्ठिइ जाणसु आईए मिच्छदलियस्स // 71 // . 210 नमस्सढा।