________________ असरीरा जीवघणा, उवउत्ता दंसणे य नाणे य / सागारमणागारं, लक्खणमेयं तु सिद्धाणं // 170 // केवलनाणुवउत्ता, जाणंति सव्वभावगुणभावे / पासंति सव्वओ खलु, केवलदिट्ठीहिं णंताहिं // 171 / / न वि अस्थि माणुसाणं, तं सुक्खं न वि य सव्वदेवाणं / जं सिद्धाणं सुक्खं, अव्वाबाहं उवगयाणं // 172 // सुरगणसुहं समत्तं, सव्वद्धापिंडिअं अनंतगुणं / ण वि पावइ मुत्तिसुहं, णंताहिं वि वग्गवग्गेहिं // 173 // जह नाम कोइ मेच्छो, नयरगुणे बहुविहे वियाणंतो। न सक्कइ परिकहिउं, उवमाए तहिं असंतीए // 174 // इह सिद्धाणं णाणसुखं, अणोवमं नत्थि तस्स ओवम्मं / किंच विसेसेणेत्तो, सारक्खणमिणं सुणह वोत्थं // 175 // जह सव्वकामगुणियं, पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोइ / तण्हाछुहाविमुक्को, अत्थिज्ज जहा अमियतत्तो . // 176 // इय सव्वकालतित्ता, अतुलं निव्वाणमुवगया सिद्धा। सासयमव्वाबाहं, चिटुंति सुही सुहं पत्ता // 177 // सिद्ध त्ति य बुद्ध त्ति य, पारग त्ति य परंपरगय त्ति / उम्मुक्ककम्मकवया, अजरा अमरा असंगा य . // 178 // णिच्छिण्णसव्वदुक्खा, जाइजरामरणबंधणविमुक्का / / अव्वाबाहं सोक्खं, अणुहोति सासयं सिद्धाः // 179 // संठाण 5 वण्ण 5 रस 5 गंध 2, फास 8 वेयं 3 गसंगभव 3 रहियं। इगतीसगुणसमिद्धं, सिद्धं बुद्धं जिणं नमिमो // 180 // नाणं 1 च दंसणं 2 चेव, अव्वाबाहं 3 तहेव सम्मत्तं 4 / अक्खयठिई 5 अरूवं 6, अगुरुलघू 7 वीरियं 8 हवई // 181 // ... . 213