________________ आवस्सयसज्झाए पडिलेहणभिक्खझाणभत्तटे। आगमणे निग्गमणे ठाणे य निसीयणतुयट्टे // 107 // आवस्सयाइयाइं न करेइ अहवा विहीणमहियाई / गुरुवयणबला य तहा भणिओ देसावसन्नो त्ति // 108 // तिविहो होइ कुसीलो नाणे तह दंसणे चरिते अ। एसो अवंदणिज्जो पन्नत्तो वीयरागेहि / // 109 // नाणे नाणायारं जो उ विराहेइ कालमाईयं। दंसण दंसणयारं चरण कुसीलो इमो होइ // 110 / / कोउय भूईकम्मे पसिणापसिणे निमित्तमाजीवी। .. कक्ककरुयाइ लक्खण उवजीवइ विज्जमंताई // 111 // सोहग्गाइनिमित्तं परेसिं ण्हवणाइ कोउयं भणियं / जरियाइभूइदाणं भूईकम्मं विणिद्दिटुं // 112 // सुविणगविज्जाकहियं आइंखणघंटियाइकहणं वा। जं सासइ अन्नेसिं पसिणापसिणं हवइ एयं .. // 113 // तीयाइभावकहणं होइ निमित्तं इमं तु आजीवें। जाइकुलसिप्पकम्मे, तवगणसुत्ताइ सत्तविहं // 114 // कक्ककुरुया य माया नियडीए डंभणंति जं भणियं / थीलक्खणाइ लक्खण विज्जामंताइया पयडा // 115 // संसत्तो उ इयाणि सो पुण गोमत्तलंदए चेव / उच्छिट्ठमणुच्छिद्रं जं किंचिच्छुब्भए सव्वं // 116 // एमेव य मूलुत्तरदोसा य गुणा य जत्तिया केइ। . ते तंमी सन्निहिया संसत्तो भण्णए तम्हा // 117 // सो दुविगप्पो भणिओ जिणेहिं जियराग-दोसमोहेहिं / एगो उ संकिलिट्ठो, असंकिलिट्ठो तहा अन्नो / // 118 //