________________ // 275 // // 276 / / // 277 // // 278 // // 279 // // 280 // नवसय तेणुएहि समइक्कतेहिं वद्धमाणाओ। पज्जूसणा चउत्थी कालिगसूरीहि ता ठविया जीयं काऊण पुण तुरमणि दत्तस्स कालियज्जेणं / अवि य सरीरं चत्तं न य भणियमहम्मसंजुत्तं ... वल्लहिपुरम्मि नयरे देवड्डीपमुहेण समणसंघेण / पुत्थे आगम लिहिओ नवंसय असीइ तदा वीरो रहवीरपुरनयरे तह सिद्धिगयस्स वीरनाहस्स। छसयनवउत्तरीए खमणा पाखंडिया जाया दुभिक्खम्मि पणट्टे पुणरवि मेलित्तु समणसंघाओ। महुराए अणुओगो पव्वत्तई खंदिलो सूरी बारसवाससएसु पुण्णिमदिवसाउ पक्खियं जेण। चउदसी पढमं पव्वं पकप्पियं साहिसूरीहिं .. सावयजण मुहपत्ती चरवलो तह वि संघसंजुत्तो। हरिभद्दसूरिगुरुणो दसपुरनयरम्मि ठावेइ .. पणपण्णबारससए हरिभद्दो सूरि आसि पुव्वकए। तेरसय बीस अहिए वरिसेहिं बप्पभट्टपहू छट्ठीसहिया न अट्ठमी तेरसिसहियं न पक्खियं होइ / पडिवेसहियं न कया वि इय भणियं जिणवरिंदेहिं पण्णरसम्मि य दिवसे कायव्वा पक्खियं तु पाएण। चउद्दसिसहियं कइया वि न हु तेरसि सोलमे दिवसे अट्ठमितिहीए सयलं कायव्वा अट्ठमी य पाएण। . अहवा सत्तमीअमिअं नवमे छठे न कइया वि / पक्खस्स अद्ध अट्ठमी मासद्धाए पक्खियं होइ। सोलमिदिवसे पक्खी कायव्वा न हु कइया वि 168 // 281 // // 282 // // 283 // // 284 // // 285 // // 286 //