________________ पुरओ पक्खासन्ने गंताचिट्ठणनिसीअणायमणे। आलोअण पडिसुणणे पुव्वालवणे य आलोए // 228 // तह उवदंस निमंतण खद्धाययणे तहा य पडिसुणणे। खद्ध त्ति अ तत्थगए कि तुम तज्जाय नोसुमणे // 229 // नो सरसि कहंछित्ता परिसंभित्ता अणुट्ठियायकहे। संथारपायघट्टण चिट्ठच्चसमासणे यावि तित्थयरत्तं सम्मत्तं खाइयं सत्तमीय तइयाए / आऊ वंदणएणं बद्धं च दसारसीहेणं // 231 // गुरुवंदणेण जीवो तमपडलं फड्डइ नीयगुत्तं च / अप्पडिहयसोहग्गं पावइ सिरिवासुदेवु व्व // 232 // दो चेव नमुक्कारि आगारा छच्च हुंति पोरिसिए। पंचेव अब्भत्तढे एगासणम्मि अटेव .. // 233 // सव्वागारे वुच्छं आगार सत्त हुंति पुरिमड्डे / छच्चेव य उदगम्मि एगट्ठाणम्मि सत्तेव .. // 234 // सोलस य काउस्सग्गे छच्चेव य दंसणंम्मि आगारा / एगो य चोलपट्टे-भिगइए हुंति चत्तारि // 235 // सोलसुस्सग्गे छ सम्मे पुरिमड्डस्स सगभिगइए पंच। परमढे पंच अब्भत्तढे पण इअ आगारा चउचत्ता // 236 // थूला सुहमा जीवा संकप्पारंभओ भवे दुविहा। सावराहनिरवराहा सावेक्खा चेव निरवेक्खा // 237 // सुहुमो य मुसावाओ थूलो अप्पाण सयणमणुवग्गे। सयणे परय तहा वहधम्मे परहलियं भासं // 238 // अदिन्नादाण सुहुमो थूला वावार तेणवावारे। .. निओगहो इअ निओग दाण चोरि अ अप्प बहु // 239 // 14