________________ तत्थेव भवणवासी देवा निवसंति दोसु भागेसु / तइए पुण नेरइया हवंति बहुवेयणा निच्चं . // 156 // अंबे 1 अंबरिसी 2 चेव सामे 3 य सबले 4 वि यं। रुद्दे 5 विरुद्दे 6 काले 7 य महाकाले 8 त्ति आवरे // 157 // असिपत्ते 9 धणू 10 कुंभे 11 वालू 12 वेयरणी 13 वि अ। . खरस्सरे 14 महाघोसे 15 एवं पनरस आहिआ // 158 // जणवय१ संयमर ठवणा३ नामे४ रूवे५ पडुच्च६ सच्चे अ। ववहारे७ भाव८ जोगे९ दसमे उवम१० सच्चे य // 159 // कोहे 1 माणे 2 माया 3 लोभे४ पिज्जे 5 तहेव दोसे 6 य / हास 7 भय८ अक्खाइय 9 उवघाए 10 निस्सिया दसमा // 160 // इक्केण दुब्भासिएण मरीइओ दुक्खसायरं पत्तो। भमिओ कोडाकोडी सागरसिरिणामधिज्जाणं / जइ न सकसि काउं सम्मं अइदुक्करं तवचरणं / तो सच्चं भासिज्जा जह भणियं वीयराएहिं. // 162 // जेण परो दुमिज्जइ पाणिवहो जेण होइ भणिएणं / अप्पा पडइ किलेसे न हु तं जपंति गीयत्था जे अदाणं पसंसंति वहमिच्छंति पाणिणं / जइणि (तं) पडिसेयंति वित्तिच्छेयं करंति ते // 164 // संतेहिं असंतेहिं परस्स किं जंपिएहिं दोसेहि। अत्थो जत्थ न लब्भइ सो अमित्तो कओ होइ // 165 // मा होउ सुअग्गाही मा जंपह जं न दिटुं पच्चक्खं / - पच्चक्खे वि अ दिढे जुत्ताजुत्तं वियारेइ // 166 // पढमं चिय रोसभरे जा बुद्धी होइ सा नं कायव्वा / अह कीरइ ता नूणं न सुंदरो होइ परिणामो . // 167 // 158