________________ वासाण वीससहस्सा नव सय छम्मास पंचदिण पहरा / इक्का घडिया दो पल अक्खर अडयाल जिणधम्मो // 84 // जा दव्वे होइ मई अहवा तरुणीसु रूववंतीसु। . सा जइ जिणवरधम्मे करयलमज्झट्ठिया सिद्धी ...... // 85 // सामग्गीअभावाओ ववहाररासिअप्पवेसाओ। भव्वा वि ते अणंता जे सिद्धिसुहं न पावंति / // 86 // सुलहा सुरलोयसिरी एगच्छत्ता य मेइणी सुलहा / इक्को नवरि न लब्भई जिणिंदवरदेसिओ धम्मो // 87 // लब्भंति विउला भोगा लब्भंति सुरसंपया। ... लब्भंति पुत्तमित्ताणि एगो धम्मो न लब्भइ // 88 // खंती सुहाणं मूलं मूलं धम्मस्स उत्तमा खंती। . हरइ महाविज्जा इव खंती दुरियाई सव्वाइं ... // 89 // धम्मो धणाण मूलं सव्वरसाणं च पाणियं मूलं / विणओ गुणाण मूलं दप्पो मूलं विणासस्स // 90 // धम्मेण कुलप्पसूई धम्मेण दिव्वरूवसंपत्ती / धम्मेण धणसमिद्धी धम्मेण सुवित्थडा कित्ती // 91 // धम्मो मंगल मूलं ओसहमूलं च सव्वदुक्खाणं / धम्मो सुहाण मूलं धम्मो ताणं च सरणं च // 92 // धणओ धणट्ठियाणं कामट्ठीणं च सव्वकामकरो। सग्गअपवग्गसंगम-हेऊ जिणदेसिओ धम्मो // 93 // धम्मेण विणा जइ चिंतियाई जीवा लब्भंति सव्वसुक्खाई। ता तिहुअणम्मि सयले को वि न हु दुखिओ हुज्जा // 94 // बावत्तरीकलाकुसला पंडियपुरिसा अपंडिया चेव / सव्वकलाण वि पवरं जे धम्मकलं न याणंति // 95 // 152