________________ // 36 // // 37 // // 38 // // 39 // // 40 // // 41 // पंचाणुई सहस्सा चउरासी य पंचवन्ना य / तीसा य दस य एगं सयं च बावत्तरी चेव नागेसु उसभपिया सेसाणं सत्त हुँति ईसाणे। अट्ठ य सणंकुमारे माहिंदे अट्ठ बोधव्वा उसहे जोअण बारस ओसरणं आसी नेमि जिण जाव। दो दो गाउ ऊणं. पास पण कोस चउ वीरे मुणी वेमाणणि समणी भवण वण जोइस देवदेवीतिगं / कप्पसुरनरिस्थितियं चिट्ठइ एयाई विदिसासु अट्ठावीसं लक्खा अडयालीसं तह सहस्साई। सव्वेसि पि जिणाणं जईण माणं विणिद्दिटुं चोआलीसं लक्खा छायाला सहस्स चउसय समग्गा / छच्चेव अज्जिआणं सव्वेसि संगहो एसो वीरस्स सत्तावीसा बारस संती य तेर उसभस्स। नव य भवा नेमिजिणे दस पासे तिन्नि सेसाणं धण-धणवई सोहम्मे चित्तगई खेयरो रयणमई / माहिदे अपराजिय पीइमई आरणे देवा संखो जसोमई भज्जा तत्तो अपराजिअविमाणम्मि। नेमी राइमई तह नवमे भवे गया सिद्धि अट्ठावयम्मि उसभो सिद्धिगओ वासुपुज्ज चंपाए / पावाए वद्धमाणो अरिटुनेमी अ उझिंते अवसेसा तित्थयरा जाइजरामरणबंधणविमुक्का। . संमेअसेलसिहरे वीसं परिनिव्वुई वंदे इक्कार सयसहस्सा असीइ सहस्सा छसय पणयाला / मासक्खमणकसंखा नंदणभवम्मि वीरस्स // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // // 46 // // 47 // 148