________________ // 24 // // 25 // // 26 // // 27 // // 28 // // 29 // इक्क पलम्मि वड्डइ कमेण दिवसो दु तिन्नि मयराइ / बारस बावन्नहिया बत्तीसा अक्खरा चेव सहसा वास चुलसी वासा सत्तेव पंच मासा य। वीरं तह पउमाणं अंतरमेयं वियाणाहि सेणिय सुपास उदई, पुट्टिल दढाओ सच्चकित्ती य / संखो आनंद सुनंदो, सयगो सच्चइ वसुदेवो देवकी बलदेवो, सुलसा रोहिणी रेवई सयाली य / दीवायण कन नारय, अंबड अमर सयबुद्धे बत्तीस घरयाइं काउं उड्डाइयाहि रेहाहिं। तिरिया य काउं पुण पंच घरयाइं तो पढमे पन्नरस जिण निरंतर सुत्रदुगं तिजिण सुन्नतियगं च / दोजिण सुन जिणंदो सुन्न जिणो सुन्न दुनिजिणो दो चक्कि सुन्न तेरस पण चक्कि सुन्न चक्कि दो सुन्ना / चक्कि सुन्नं दुचक्कि सुन्नं चक्कि दुसुनं च दस सुन्नं पंच केसव पण सुन्ना केसी सुन्न केसी य। दो सुन्न केसवो विय सुनदुगं केसव तिसुन्नं पंच धणुसय पढमो कमेण पंचास हीण जा सुविही / दस हीण जा अनंता पंचूणा नेमिजिण जाव नवहत्थपमाण पासो सामीओ सत्त हत्थ जिणवीरो। . उच्छेहअंगुलेणं सरीरमाणं जिणंदाणं चउरासी बिसत्तरी य सट्ठी पन्नासमेव लक्खाई। चत्ता तीसा वीसा दस दो एगं च पुव्वाणं चउरासी बावत्तरीयं सट्ठी य होइ वासाणं / तीसा य दस य एगं च एवमेए सयसहस्सा 140 // 30 // // 31 // // 32 // // 33 // // 34 // // 35 //